RAJASAMND // अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर सहकारिता की वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर हुआ व्यापक विमर्श

RAJASAMND – राजसमंद में 72वें सहकार सप्ताह के अंतिम दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र राजसमंद में सहकारिता की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में नवाचार आधारित सहकारी व्यवसाय मॉडल विषय पर विचार-विमर्श आयोजित किया गया। उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां विनोद कोठारी ने सहभागियों को बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में भारत में मनाया जा रहा है। विश्व स्तर पर सहकारी समितियों की रैंकिंग में भारत की अमूल प्रथम और इफको द्वितीय स्थान पर रही है। भारत सरकार की वित्तीय सहायता से पैक्स का कंप्यूटरीकरण तीव्र गति से प्रगति पर है। राजसमंद जिले में कुल 101 ग्राम सेवा सहकारी समितियाँ गो-लाइव हो चुकी हैं, जबकि 21 समितियों को ई-पैक्स घोषित किया जा चुका है।
RAJASAMND – राजसमंद जिले में देश की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अन्तर्गत राज्यावास, फरारा और मोही में 500 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का निर्माण किया जा रहा है। कार्यक्रम में समिति प्रबंधकों को ग्राम सेवा समितियों में नवाचार, कृषि आदान खरीद, भंडारण एवं तकनीकी प्रक्रियाओं से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्रदान की गई। कस्टम हायरिंग सेंटर के संचालन संबंधी जानकारी भी विस्तृत रूप से साझा की गई।कार्यक्रम में जियाराम विश्नोई ने केंद्र सरकार द्वारा सहकारी व्यवसाय मॉडल को प्रोत्साहन देने हेतु गठित अंब्रेला ऑर्गेनाइजेशन की संरचना,
उससे मिलने वाली सुविधाओं तथा वर्तमान संदर्भ में सहकारी बैंकों को होने वाले लाभों पर विस्तार से चर्चा की। कृषि वैज्ञानिक प्रो. पी.सी. रेगर ने कृषि क्षेत्र में सहकारिता की भूमिका एवं उसके सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला। दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर सभी सहभागी व्यवस्थापकों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम में जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के प्रबंधकों के साथ निरीक्षक दिनेश जांगिड, दिनेश आमेटा और कैलाश तलेसरा मौजूद रहे।
https://www.facebook.com/profile.php?id=61580815528140
राजसमंद से पूजा गुर्जर की रिपोर्ट
BARAN// 259 यूनिट रक्तदान करके हर्षोल्लास से मनाया केसरी का जन्मदिन