TONK // आचार्य शांतिसागर की दिव्य प्रतिमा स्थापना से गूँजा जैन समाज

TONK – कलई वाला परिवार द्वारा नवनिर्मित जैन मंदिर में बीसवीं सदी के प्रथम आचार्य शांति सागर महाराज की दिव्य प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा बड़े ही धार्मिक उल्लास और श्रद्धा के साथ संपन्न हुई। यह ऐतिहासिक स्थापना पंचम पट्टाचार्य आचार्य 108 वर्धमान सागर महाराज की पावन संसंघ उपस्थित में हुई। प्रातः काल यागमंडल विधान के अंतर्गत नवीन वेदी पर मंगलाचरण,
TONK – पूजन एवं भक्तामर पाठ के साथ विधि-विधान से प्रतिमा स्थापना की गई। मंत्रोच्चार, जयकारों के बीच वातावरण पूर्णतः आध्यात्मिक और भाव-विभोर हो उठा।आचार्य वर्धमान सागर महाराज ने इस अवसर पर पूर्व सभापति लक्ष्मी जैन सहित पूरे कलईवाला परिवार को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि आचार्य शांति सागर की प्रतिमा मात्र एक मूर्ति नहीं,
TONK – बल्कि तप, त्याग, संयम, अहिंसा और आत्म-जागृति का सजीव प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को धर्ममार्ग पर चलने की प्रेरणा देती रहेगी। इस पावन अवसर पर शांति सागर ध्यान केंद्र के श्रेष्ठि परिवारों ने समर्पण भाव से व्यवस्था संभाली। समाज के अनेक गणमान्य सदस्य, महिला मंडल, युवक-युवती मंडल तथा दूर-दूर से पधारे श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर धर्मलाभ लिया।
धार्मिक कार्यक्रम के पश्चात सामूहिक मंगल पाठ, आशीर्वचन एवं मंगल आरती के बीच पूरे समाज ने इस स्थापना को अपनी आध्यात्मिक धरोहर मानते हुए हर्ष व्यक्त किया। इस प्रकार आचार्य शांति सागर महाराज की प्रतिमा स्थापना ने जैन समाज में नई ऊर्जा, शांति और सद्भाव का संचार किया और कलईवाला परिवार के इस महान पुण्य कार्य की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।
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टोंक से अशोक शर्मा की रिपोर्ट