बागीदौरा के दिशांत जैन बने बाल ब्रह्मचारी
Banswara// अब मोह के नहीं मोक्ष पथ के राही, आचार्य समय सागर से ली दीक्षा,

Banswara// राग से वैराग्य पथ पर बढ़ाए कदम और मिल गई गुरुवर की छाया, पर्यूषण पर्व के 10 वें उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के दिन जन्मे दिशांत ने लिया ब्रह्मचर्य व्रत
जिले के दिशांत जैन ने शिक्षा विभाग में ब्लॉक बागीदौरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राखो में कार्यरत पुस्तकालय अध्यक्ष तृतीय श्रेणी की सरकारी नौकरी छोड़, भौतिक चकाचौंध, भोग-विलासिता भरे जीवन, विषयों भरे राग से अनासक्त होकर कठिन त्याग, तपस्या का ब्रह्मचारी जीवन व संयम पथ चुना । ऐसा ही भाव-विभोर दृश्य गुरुवार 23 अक्टूबर को देखने मिला मध्यप्रदेश के जबलपुर में आचार्य समय सागरजी महाराज से ब्रह्मचर्य व्रत लेने के दौरान। अब बाल ब्रह्मचारी दिशांत भैया बन गए हैं । आचार्य विद्या सागर जी एवं वर्तमान आचार्य समय सागर महाराज जी की आज्ञा से बागीदौरा के बाल ब्रह्मचारी दिशांत (मिंटू) भैया का विधि विधान से आचार्य संघ में शामिल हुए। इस मौके पर धर्मसभा में बागीदौरा के जैन समाज ने मूलनायक भगवान शांतिनाथ से प्रार्थना करते हुए शीघ्र ही जैनेश्वरी दीक्षा होकर 28 मुल गुणों को धारण मुनि दीक्षा प्राप्त करने की अनुमोदना की।

Banswara// भाव विभोर परिवार ने बताया पुण्यकर्मों का फलमोक्ष मार्ग पर जाने की जिद और जुनून के आगे माता पिता को स्वीकृति देनी पड़ी । जैनागम में माता पिता की अनुमति से ही दीक्षा दी जाती हैं।व्रत धारण करने के साक्षी बने भावुक माता सुषमा, पिता अनिल दोसी, दादा प्यारचंद दोसी, दादी कंचन देवी ने बताया कि परिवार में इकलौते बेटे ने भौतिक सुख सुविधाओं, सरकारी नौकरी होने के बाद भी दिशांत ने आत्मकल्याण के लिए आध्यात्म की राह चुनी और उनकी एकलौती बहन भी बाल ब्रह्मचारी अवधि दीदी ने भी 12 वीं में पढ़ाई के दौरान ही आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेकर पूर्णायु संस्थान जबलपुर में आयुर्वेदाचार्य की शिक्षा ग्रहण कर रही है । गृहस्थ माता पिता को निंबाहेड़ा पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महा महोत्सव में भगवान के माता पिता बनने का सौभाग्य मिला था। जिसे परिवार ने पिछले जन्मों के पुण्यकर्मों का प्रतिफल बताया ।
Banswara// वागड़ के बुंदेलखंड की उपमा से अलंकृत बागीदौरा से पूर्व में धर्म व मोक्ष मार्ग की राह पर आचार्य समता सागर जी, आर्यिका श्वेतमति माताजी, ऐलक स्वागत सागर जी महाराज, ऐलक परित सागर जी, ब्र मणि बाई जी, बिंदु दीदी व वर्ष 2022 में छः बेटियों ने एक साथ दिव्यांशी, मुदिता, अवधि, दीक्षा, तिथि, विदुषी ने ब्रह्मचारी व्रत लिया था । इन सभी ने बागीदौरा का धार्मिक गौरव बढ़ाया हैं।
Banswara//डॉ निखिल जैन ने बताया दसलक्षण धर्म के अंतिम उत्तम ब्रह्मचर्य के दिन 29 सितंबर 1996 को बागीदौरा में जन्म हुआ । दिशांत भैया ने आचार्य श्री विद्या सागर जी से अल्पायु में व्रत व त्याग लेकर जीवन पर्यंत रात्रि में चारों प्रकार के आहार, अन्न जल का त्याग, बाहर के सभी खाद्य सामग्रियों का त्याग, अष्टमी चतुर्दशी एकाशन, नित्य स्वाध्याय, शुद्ध भोजन का पालन किया हैं ।
Banswara// प्रारम्भिक स्कूल शिक्षा सरकारी स्कूल और कॉमर्स विषय में ग्रेजुएशन अहमदाबाद से करते हुए प्रतियोगी परीक्षा में लाइब्रेरियन पद पर वर्ष 2018 में चयन हुआ । विनोद पानेरी बड़ोदिया ने बताया ब्लॉक व जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में क्रिकेट के हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में पहचान रखते हैं दिशांत। अम्पायर की भूमिका हो या स्कोर बोर्ड पर त्वरित अपडेट करना हो, दिशांत ने बखूबी कर्तव्य निर्वहन किया हैं। मैच और प्रतियोगिता के समय भी खुद की बोतल से पानी, चाय, नाश्ता, भोजन केवल घर का लेकर भी सरकारी सेवाएं दी हैं।
बांसवाड़ा से मुकेश पाटीदार की रिपोर्ट
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